क्या आपने कभी महसूस किया है कि कुछ शब्द आपकी आत्मा को छू जाते हैं? गुलज़ार साहब की शायरी में यही जादू है! उनकी poetry को पढ़ने वाले 85% लोग कहते हैं कि वे emotional रूप से deeply connected महसूस करते हैं। यह कोई संयोग नहीं है।
Gulzar Shayari सिर्फ शब्दों का खेल नहीं, बल्कि जिंदगी के हर रंग की तस्वीर है। जब गुलज़ार साहब लिखते हैं, तो वे हमारे दिलों की उन गहराइयों को छूते हैं जहाँ हमारे अपने शब्द भी नहीं पहुँच पाते!
आज हम लेकर आए हैं heart touching gulzar shayari का सबसे complete collection, जो आपकी हर भावना को शब्द देगा। चाहे प्रेम हो या गम, बारिश हो या धूप – गुलज़ार की शायरी में हर मूड का perfect expression मिलता है।
Contents
Heart Toucng Gulzar Shayari
मंजर भी बेनूर था और,
फिजायें भी बेरंग थीं,
बस फिर तुम याद आये,
और मौसम सुहाना हो गया.
मुझसे धोखा दिया नहीं जाता,
मै साथ दुनिया के चलू कैसे.
मै सबका दिल रखता हूँ और,
सुनो मै भी एक दिल रखता हूँ.
मशवरा तो खूब देते हो की खुश रहा करो,
कभी खुश रहने की वजह भी दे दिया करो.

इतने बेवफा नहीं है की तुम्हें भूल जाएंगे,
अक्सर चुप रहने वाले प्यार बहुत करते हैं.
महफ़िल में गले मिलकर वह धीरे से कह गए,
यह दुनिया की रस्म है इसे मुहोब्बत मत समझ लेना.
उठाए फिरते थे एहसान जिस्म का जाँ पर,
चले जहाँ से तो ये पैरहन उतार चले.
रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो,
दिन की चादर अभी उतारी है.
गुज़रा वक़्त याद करके रोना नहीं तुम,
गुज़रा इसलिए के वक़्त अच्छा आने वाला है.
बचपन का शोर सुकून देता था,
आज की ख़ामोशी खाने को दौड़ती है.
एक बार तो यूँ होगा कि थोड़ा सा सुकून होगा,
ना दिल में कसक होगी और ना सर पे जूनून होगा.
दूरियां जब बढ़ी तो,
गलतफहमियां भी बढ़ गई,
फिर उसने वो भी सुना,
जो मैंने कहा ही नहीं.
उनके दीदार के लिए दिल तड़पता है,
उनके इंतजार में दिल तरसता है,
क्या कहें इस कम्बख्त दिल को,
अपना हो कर किसी और के लिए धड़कता है.
कहीं किसी रोज यूं भी होता,
हमारी हालत तुम्हारी होती,
जो रातें हमने गुजारी मरके,
वो रातें तुमने गुजारी होती.
वो हमे भूल ही गए होंगे,
भला इतने दिनों तक,
कौन खफा रहता है.
Gulzar Shayari on Life/Zindagi
ज़िंदगी यूँ ही थोड़ी सी आसान है,
थोड़ी सी उलझनें थोड़ी सी मुस्कान है.
इतना क्यों सिखाए जा रही हो जिंदगी,
हमें कौन-से सदियाँ गुजारनी है यहां.
उम्र ज़ाया कर दी लोगों ने औरों में नुक्स निकालते निकालते,
इतना खुद को तराशा होता तो फरिश्ते बन जाते.
इश्क़ सिर्फ नाम का खेल नहीं होता,
ये वो एहसास है जो रूह तक उतर जाता है.
तू मिले तो हर ग़म को भुला दूं,
तेरी बाहों में खुद को फिर से पा लूं.
मोहब्बत के हर सफर में तेरा साथ रहे,
बस यही दुआ है कि तू हमेशा मेरे पास रहे.
ना राज़ है ज़िन्दगी ना नाराज़ है ज़िन्दगी,
बस जो भी है वो आज है ज़िन्दगी.
जब से काबिलियत का मसअला उठा है,
हमनें कोनें से मेहनत का दामन पकड़ रखा है.
वो ग़लत कहते हैं कि दौलत बुरी चीज़ है,
दुनियाँ में दौलत ज़िन्दगी से ज़्यादा कम नहीं.
तू समझता क्यूं नही है,
दिल बड़ा गहरा कुआँ है,
आग जलती है हमेशा,
हर तरफ धुआँ धुआँ है.
एक बीते हुए रिश्ते की,
एक बीती घड़ी से लगते हो,
तुम भी अब अजनबी से लगते हो.
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा,
दौलत नहीं शोहरत नहीं न वाह चाहिए,
“कैसे हो?” बस दो लफ़्जों की परवाह चाहिए.
अब मत मिलना,
तुम दोबारा मुझे,
वक़्त बहुत लगा है,
खुद को संभालने में.
Gulzar Shayari on Love
तुझे पाने की जिद थी,
अब भुलाने का ख्वाब है,
ना जिद पूरी हुई और,

ना ही ख्वाब.
सब तरह की दीवानगी,
से वाकिफ हुए हम,
पर मा जैसा चाहने वाला,
जमाने भर में ना था.
अब टूट गया दिल,
तो बवाल क्या करें,
खुद ही किया था पसंद,
अब सवाल क्या करें ?
कयामत तक याद करोगे,
किसी ने दिल लगाया था,
एक होने की उम्मीद भी न थी,
फिर भी पागलों की तरह चाहा था.
हर कोई परेशान है,
मेरे कम बोलने से,
और मै परेशान हूं,
अपने अंदर के शोर से.
कभी कभी बहुत सताता है,
यह सवाल मुझे कि,
हम मिले ही क्यूं थे जब हमें,
मिलना ही नही था.
काश कोई हमें भी,
ऐसा चाहे,
जैसे कोई तकलीफ में,
सुकून चाहता है.
दुनिया का सबसे खूबसूरत,
दिन था वो मेरे लिए,
जब मुझे पता चला कि,
तुम मुझसे प्यार करते हो.
रात भर जागते हैं,
एक शख्स के खातिर,
जिसको दिन के उजाले में भी,
मेरी याद नहीं आती.
किसी को उजाड़ कर,
बसे तो क्या बसे,
किसी को रुला कर,
हंसे तो क्या हंसे.
दिल के रिश्ते हमेशा,
किस्मत से ही बनते हैं,
वरना मुलाकात तो रोज,
हजारों से होती है.
तुझसे दूर जाने का,
कोई इरादा ना था,
पर रुकते आखिर कैसे,
जब तू ही हमारा न था.
फिक्र है इज्जत की तो,
मोहब्बत छोड़ दो जनाब,
आओगे इश्क की गली में,
तो चर्चे जरूर होंगे.
अब मत मिलना,
तुम दोबारा मुझे,
वक़्त बहुत लगा है,
खुद को संभालने में.
2 Lines Gulzar Shayari
फिर वहीं लौट के जाना होगा,

यार ने कैसी रिहाई दी है.
उनसे मिलकर यूँ लगा जैसे,
साल बीते सदियां गुज़र गईं.
जिंदगी तो बेवफा है एक दिन धोखा देगी,
मौत सच्चा यार है कंधा देकर ले जाएगी.
दिल में एक लहर सी उठी है अभी,
कोई तारीफ़ की बारिश कर गया.
आइना देख कर तसल्ली हुई,
हम को इस घर में जानता है कोई.
आप के बा’द हर घड़ी हम ने,
आप के साथ ही गुज़ारी है.
चूल्हे नहीं जलाए कि बस्ती ही जल गई,
कुछ रोज़ हो गए हैं अब उठता नहीं धुआँ.
कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है,
ज़िंदगी एक नज़्म लगती है.
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई,
जैसे एहसान उतारता है कोई.
कुछ लोग किताब की तरह होते हैं,
हर बार पढ़ने पर नया सबक देते हैं.
तुम्हारी कमी नहीं है मुझमें,
बस तुम नहीं हो मेरे पास.
एक पल में ज़िंदगी बदल जाती है,
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एक पल ज़िंदगी भी होता है.
मैं शायर तो नहीं मगर,
तुम्हारी यादें मुझे शायर बना देती हैं.
खामोशी भी एक जुबान है,
समझने वाले समझ जाते हैं.
मेरी किताब में तेरी तस्वीर का पन्ना,
कभी पढ़ता हूं,
कभी देखता हूं.
हर ख़्वाहिश में तेरा जिक्र है,
हर दुआ में तेरा नाम है.
कुछ यादें ऐसी होती हैं,
जो कभी पुरानी नहीं होतीं.
आँखों में तेरी जो तस्वीर है,
वो मेरी सबसे कीमती यादगार है.
जिंदगी तो बहुत छोटी है यारों,
मगर यादें बहुत लंबी हैं.
आबाद अगर न दिल हो तो बरबाद कीजिए,
गुलशन न बन सके तो बयाबाँ बनाइए.
Conclusion
Gulzar Shayari सिर्फ words का collection नहीं, बल्कि जिंदगी की एक complete philosophy है! गुलज़ार साहब ने अपनी poetry के जरिए हमें सिखाया है कि सबसे simple शब्दों में भी सबसे deep emotions को express किया जा सकता है। उनकी हर line एक lesson है, हर verse एक experience।
Heart touching gulzar shayari पढ़कर हमें realize होता है कि emotions की कोई language नहीं होती – वे सीधे दिल से दिल तक पहुंचती हैं।
चाहे आप sad mood में हों या खुशी मनाना चाहते हों, गुलज़ार की शायरी हमेशा आपके साथ है। आज ही इन beautiful verses को अपने loved ones के साथ share करें और देखें कि कैसे शब्दों में छुपा जादू relationships को और भी गहरा बनाता है!
अपनी favorite gulzar shayari comment में share करें और बताएं कि कौन सी line ने आपका दिल छुआ है। Let’s celebrate the magic of words together!